
तापी ज़िला, उच्छल तालुका (12 नवम्बर) —
तापी ज़िले के माणेकपुर गाँव में आज का दिन प्राकृतिक खेती को समर्पित रहा। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने यहाँ प्राकृतिक खेती करने वाले किसान श्री रतिलालभाई रेवजीभाई वसावा के खेत का दौरा किया और स्वयं हल चलाकर भूमि की उर्वरता बढ़ाने के अपने अनुभव साझा किए।
राज्यपाल महोदय ने इस अवसर पर वृक्षारोपण किया, किसानों से आत्मीय संवाद साधा और बैलगाड़ी भी चलाकर ग्रामीण जीवन का अनुभव लिया।

आचार्य देवव्रत ने कहा कि “प्राकृतिक खेती केवल खेती की पद्धति नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व का एक मार्ग है। गाय-आधारित खेती ही धरती का स्वास्थ्य, जल संरक्षण और मानव स्वास्थ्य की रक्षा कर सकती है।”
उन्होंने आगे बताया कि प्राकृतिक खेती से कम खर्च में अधिक उत्पादन संभव है, और यह देश को पर्यावरण की दृष्टि से आत्मनिर्भर बना सकती है।
🌾 ग्रामीणों ने राज्यपाल के प्रति आत्मीयता और सम्मान व्यक्त करते हुए उनके संदेश को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।


